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Crime

एक कप चाय से कैसे हो जाते हैं चार कत्ल

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औरंगाबाद, बिहार
अलीगढ़ का एक इलाका है एक जगह है तुर्कमान गेट वहां के रहने वाली एक महिला जिसका नाम होता है इशरत निगार उम्र लगभग 55 साल के आसपास होती है उनके जो शोहर हैं वह काफी दिनों से बीमार रहते हैं बेड रेस्ट पर रहते हैं एक दिन उन्होंने अपने बेटे इशांत से कहा कि बेटा मैं हज जाना चाहती हूं हज करना चाहती हूं क्या तुम मुझे हज कराओगे जैसे ही ईशान ने यह बात सुनी उसने कहा की अम्मी परेशान क्यों होती हो कुछ डाक्यूमेंट्स पूरे करने होते हैं उसके बाद आवेदन करना होता है और इस बार हम आपके लिए आवेदन कर देंगे ठीक वैसे ही कुछ पासपोर्ट या कुछ अन्य कागज जो होते हैं उसके लिए आवेदन करना शुरू कर दिया

11 दिसंबर 2023 को नगर कोतवाली से फोन आता है कि आप अपना वेरिफिकेशन कराकर यहां से चले जाओ जैसे ही यह वेरिफिकेशन की कॉल आती है ईशान अपनी अम्मी इशरत को लेकर सीधा कोतवाली पहुंचते हैं कोतवाली में जाकर खड़े हो जाते हैं अपना इंतजार कर रहे थे अभी वह अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे इसी बीच में इस कोतवाली के अंदर एक दरोगा मौजूद थे जिनका नाम होता है मनोज कुमार शर्मा मनोज शर्मा के हाथ में कुछ कागज लगे हुए हैं वो अपने काम में बिजी थे इसी बीच में उनके पास एक मुंशी आता है मुंशी का नाम होता है संदीप कुमार

मुंशी सरकारी पिस्टल उनके हाथ में देते हुए कुछ बात कर रहा था और बातचीत करने के बाद वहां से जैसे ही हटता है तो मनोज कुमार शर्मा ने उस पिस्टल देखा और देखते ही देखते ट्रिगर दब जाता है गोली चल जाती है जैसे ही गोली चलती है वहीं पास में खड़ी हुई इशरत निगार के सर में गोली लगती है और एकदम से सन्नाटा सा फैल जाता है ये घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो जाता है कुछ दिन के बाद यानी के चार-पांच दिन के बाद इशरत निगार की मौत हो जाती है और दरोगा अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगता है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें