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Crime

जौनपुर के नेता धनंजय सिंह को 7 साल की सज़ा मिलने की पूरी कहानी

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जौनपुर, उत्तर प्रदेश
पुलिस कंट्रोल रूम को एक सूचना मिलती है कि कुछ बदमाश पेट्रोल पंप पर लूटपाट करने के इरादे से जा रहे हैं जैसे ही पुलिस को ये सूचना मिलती है पुलिस ने उन बदमाशों की घेराबंदी करना शुरू कर दिया जैसे ही घेराबंदी करते हैं पुलिस की तरफ गोली चलती है फिर पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में गोली चलाना शुरु कर दिया दोनों तरफ से गोली चलती है पुलिस हावी हो जाती है आखिरकार चार बदमाशों को पुलिस मार गिराती है जैसे ही चार बदमाश मार गिराए जाते हैं उसके बाद पुलिस से एक बयान जारी किया जाता है कि हमने 50000 के इनामी बदमाश को भी इस मुठभेड़ में मार गिराया है

सब कुछ सामान्य चल रहा था लगभग 4 महीने बीत जाते हैं और 4 महीने बीतने के बाद यह पता चलता है कि जिस बदमाश को उस एनकाउंटर में मार गिराया था वह तो जिंदा है उसने कोर्ट में जाकर सरेंडर कर देता है और जब सरेंडर करता है तो इस बात की गूंज भी फिर मीडिया में फैल जाती है अब सवाल यही उठता है कि आखिरकार पुलिस ने जिसका एनकाउंटर किया था वह व्यक्ति अगर जिंदा है तो फिर मारा कौन गया

मामले की जांच पड़ताल शुरू होती है पूरे प्रदेश में हंगामा खड़ा हो जाता है और जब हंगामा शुरू हो जाता है तो उसके बाद फिर 34 पुलिस वाले सस्पेंड हो जाते हैं और साथ ही उन पर मुकदमा भी दर्ज किया जाता है मामला लगातार चलता रहता है लेकिन जिस बदमाश को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया गया था उस पर फिर आगे चलकर बहुत सारे मुकदमे भी दर्ज होते हैं और उसको लोग बाहुबली के नाम से भी जानने लगते हैं कुछ लोग उसे कहते हैं कि वह रॉबिनहुड है और वह गरीबों की मदद करता था आज कहानी इस व्यक्ति की है जिसने एक ट्वीट करके सरकार में खलबली मचा दी उस दिन के बाद पता चलता है कि उसको तो जेल हो गई है और वह लगभग 7 साल तक सलाखों के पीछे रहेगा… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें