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Politics

आरिफ और सारस की पूरी कहानी

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अमेठी, उत्तर प्रदेश
फिल्म बाहुबली जो पहला पाठ है उसका एक सीन आपको बहुत अच्छे से याद होगा जब भल्लालदेव की प्रतिमा को खड़ा किया जा रहा था तब एक बुजुर्ग के हाथ से रस्सा छूट जाता है रस्सा छूटता है कई मजदूर उस रस्सा के साथ उड़ कर जाने लगते हैं एक गोल चकरी होती है उसके अंदर दबने लगते हैं

भल्लालदेव का बेटा परेशान होता है और भल्लालदेव भी परेशान हो जाता है तभी भल्लाल देव के पिता उसे इशारा करते हैं कि बैठ जाओ कोई बात नहीं 50 गज की प्रतिमा खड़ी की जा रही है यदि 50 गज की प्रतिमा खड़ी करने में 100-200 लोग मर भी जाते हैं तो क्या फर्क पड़ता है

यह तो राजनीति है कुछ इसी तरह का डायलॉग मारकर अपने बेटे को और अपने पोते को शांत कर देता है और तभी बाहुबली की एंट्री होती है उस की प्रतिमा को खड़ा कर देता है वहां तो बाहुबली आया था उन मजदूरों को बचाने के लिए उन लोगों को बचाने के लिए राजनीति का मामला था लेकिन यहां कौन बचाने के लिए आया है कौन मारने के लिए आया है यह पता करना बहुत मुश्किल हो जाएगा

आज की कहानी क्राइम से बिल्कुल हटकर है कहानी है आरिफ की और उसके दोस्त सारस की दोस्ती कैसे होती है? कैसे टूटती है? लेकिन जैसे ही इन दोनों के बीच में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आते हैं तो इनकी दोस्ती कहीं ना कहीं राजनीति का शिकार हो जाती है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें