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मेरठ के कबाड़ी बाजार में कांता की भावुक करने वाली अजीब कहानी

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मेरठ, उत्तर प्रदेश
मेरठ के पास एक जगह लगती है दौराला और उससे कुछ आगे चले तो उसके पास लगता है सकोती दरअसल दौराला और सकोती के बीच में एक सड़क हादसा होता है उस हादसे की आवाज सुनने के बाद जब लोग मौके पर आकर देखते हैं तो एक महिला और एक पुरुष गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं और जैसे ही इन दोनों को उठाने के बाद हॉस्पिटल लेकर जा ही रहे थे तभी एक बच्चे के रोने की चीखने की आवाज आ रही थी झाड़ियों की तरफ से

जैसे ही लोगों ने उस बच्चे को देखा तो बच्चा किसी और का नहीं बल्कि इसी दंपत्ति का था लेकिन जो बच्चा है वह पूरी तरह से स्वस्थ है ठीक है ऐसा लग रहा था जैसे क्या उसको तो बहुत अचक से लेकर रख दिया है और इनका हादसा हो चुका है

तुरंत उन तीनों को उठाकर हॉस्पिटल लेके जाते हैं हॉस्पिटल जैसे लेकर जाते हैं तो महिला को डॉक्टर मृत घोषित कर देते हैं कहते हैं कि इनकी हालत ज्यादा गंभीर थी और जो पुरुष होता है उसकी भी हालत ठीक नहीं होती तभी वह व्यक्ति जिसका नाम होता है शाहिद सैफी डॉक्टर से कहता है कि डॉक्टर साहब बस मेरी एक बार अंतिम एक मुलाकात करा दीजिए

डॉक्टर कहता है किससे मिलना चाहोगे वह कहता है कि कबाड़ी बाजार के कोठा नंबर 44 पर एक कांता नाम की वैश्य रहती है मुझे उससे मिलना है और मेरा उससे मिलना बेहद जरूरी है

डॉक्टर जैसे ही यह बात सुनता है डॉक्टर को बड़ा आश्चर्य होता है सोचने पर मजबूर होते हैं तभी सूचना दी जाती है उसी कोठे पर उस कोठी से कान्ता आ भी जाती है और आने के बाद जब शाहिद सैफी से बातचीत कर रही थी तो शाहिद कहता है कि शायद मैं बच ना पाऊं और मेरे बच्चे की परवरिश कैसे होगी एक बड़ा सवाल है अगर हो सके तो तुम मेरे बच्चे की परवरिश करना उसको पढ़ा लिखा कर एक अच्छा इंसान बनाना… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें