हरिद्वार, उत्तराखंड कक्षा 6 में पढ़ने वाली एक छात्रा के पेट में अचानक से दर्द उठने लगता है वह रोते हुए अपनी मैंम के पास जाती है जाकर कहती है कि मैंम मेरे पेट में बहुत तेज का दर्द उठ रहा है वह मैंम उसकी उसको दवा देती हैं लेकिन दवा मिलने के बाद भी इस लड़की को आराम नहीं मिलता तब उस लड़की को उसके घर छोड़ दिया जाता है जाने दिया जाता है जैसे घर जाती है बार-बार दरवाजा खुलवाने की कोशिश कर रही थी लेकिन दरवाजा खुला नहीं रहा था आखिरकार काफी देर के बाद जब दरवाज़ा खुलता है तब माँ भी निकल कर आती है और उसके ताऊजी का बेटा भी यानी कि उसका भाई
लड़की ने जब यह दृश्य देखा तो इस बात को लेकर उसने किसी से कुछ नहीं कहा चुपचाप रही शांत रही लेकिन अगली बार उसने अपनी मां को अपने ही ताऊजी के बेटे के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा तब उसने अपनी मां से कहा कि यह तो शायद गलत है और जैसे ही इस बात का उसके ताऊजी के बेटे को पता चलता है तो उसके भाई ने उसको बहुत डांटा फटकारा कहा कि भविष्य में तुमने इस बात को दोहराने की कोशिश की तो अच्छा नहीं होगा वो लड़की डर जाती है सहन जाती है और इस बात को कभी अपनी जुबान पर नहीं लेकर आती
जब लड़की के बड़े भाई को इस बात का पता चलता है की मां का और ताऊ जी के बेटे के साथ दोनों के आपत्तिजनक रिश्ते हैं तो उस बात को लेकर लड़का थोड़ा सहन जाता है परेशान हो जाता है ना तो माँ से कुछ कह पाता है ना ही भैया से कुछ कह पाता है लेकिन इस रिश्ते की गूंज न केवल उस घर के अंदर थी बल्कि पूरे आसपास के लोगों को भी पता चल जाती है और जैसे ही बाहर से बातें जब अंदर घर में लौट कर आती हैं तब उस लड़के ने अपनी ही माँ के इस रिश्ते पर ब्रेक लगाने की कोशिश की अपनी मां के कदमों पर भी ब्रेक लगाने की कोशिश की फिर कुछ ऐसा होता है जिसकी किसी ने भी कल्पना नहीं की थी.. पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें