कैंडोलिम, गोवा एक टैक्सी ड्राइवर एक महिला मुसाफिर को लेकर गोवा से बेंगलुरु के लिए निकलता है कई घंटे का जब सफर बीत जाता है इसी बीच में एक गोवा के पुलिस इंस्पेक्टर का उसके पास फोन पहुंचता है फोन पहुंचता है वह बताता है कि मैं पुलिस स्टेशन का इंस्पेक्टर परेश नायक बात कर रहा हूं क्या मेरी बात फला ड्राइवर से हो रही है उस ड्राइवर का नाम पूछा जाता है फिर उससे पुछा जाता है कि तुम्हारी टैक्सी के अंदर क्या कोई महिला बैठी हुई है वह बताता है कि जी हां एक महिला बैठी हुई है तभी उस इंस्पेक्टर ने कहा कि जो भी नजदीकी पुलिस स्टेशन हो उस पुलिस स्टेशन के अंदर जाना है जाने के बाद यह बात करनी है
जैसा-जैसा उस इंस्पेक्टर ने टैक्सी ड्राइवर को बताया था टैक्सी ड्राइवर ने उनकी बातों को फॉलो किया और नजदीकी पुलिस स्टेशन पहुंचता है वहां जाने के बाद अपनी कार खड़ी करता है और जोर-जोर से चीखने लगता है चिल्लाने लगता है उसकी चीज पुकार सुनने के बाद जो पुलिस स्टेशन के अंदर मौजूद पुलिसकर्मी होते हैं दौड़कर पहुंचते हैं उससे पूंछते हैं की क्या बात है क्यों चिल्ला रहे हो महिला मुसाफिर होती है वह भी नहीं समझ पा रही थी कि आखिरकार टैक्सी ड्राइवर इतना क्यों चिल्ला रहा है क्यों चीख रहा है
तभी वह कहता है कि साहब जो महिला मुसाफिर मेरी गाड़ी के अंदर बैठी है दरअसल आपको उसकी चेकिंग करनी है उसके सामान की चेकिंग करनी है जैसे ही पुलिस वालों ने यह बात सुनी पुलिस वालों ने उसे तसल्ली दी तसल्ली देने के बाद अपना काम करना शुरू कर दिया महिला की भी तलाशी ली जाती है साथ ही उसके सामान की भी तलाशी ली जाती है महिला के पास एक बैग होता है और बैग की जैसे ही चैन खुलती है पता चलता है कि उस बैग के अंदर एक बालक की लाश पड़ी हुई है … पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें