महासमुंद, छत्तीसगढ़ हर मां-बाप का ख्वाब होता है कि उनके बच्चे भविष्य में पढ़ लिख कर एक अच्छा इंसान बने कामयाब इंसान बने इसलिए वह अपने बच्चों को लेकर लगातार रोकते रहते हैं टोकते रहते हैं उन्हें बताते हैं कि क्या सही है क्या गलत है जिन बच्चों के समझ में आ जाता है सही और गलत वह बच्चे कामयाब हो जाते हैं और जिनके समझ में नहीं आता है कि क्या सही है क्या गलत है उन बच्चों को ऐसा लगता है कि हमारे ही मां-बाप हमारी आजादी में खलल पैदा कर रहे हैं रुकावट बने हुए हैं
आज की कहानी में कुछ ऐसे ही होता है एक लड़का जो कि अपने मां-बाप के जाने के बाद इतना खुश होता था मनपसंद फिल्में देखता था मनपसंद खाना खाता था दोस्तों के साथ खूब सारा घूमता था खूब सारा खेलता था और जब मां-बाप लगातार चार दिन तक लौट कर नहीं आते हैं तो उदास होता है कि मां-बाप आखिरकार गए हैं तो कहां गए हैं? उसने अपने मां-बाप को ढूंढने की कोशिश की मां-बाप मिलते जरूर हैं लेकिन जिस रूप में मिलते हैं उसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी
दरअसल मां बाप की ही नहीं बल्कि उसकी दादी का भी किसी ने कत्ल कर दिया था और इस घटनाक्रम पर जो खुलासा होता है लोग सुनकर संग रह जाते हैं लोगों को ऐसा लगता है कि रिश्तो पर विश्वास करने की आजकल कोई वजह ही नहीं बची है आज कहानी उन 3 लोगों की है जिनकी बेवजह हत्या कर दी गई थी…
आज की जो घटना हम आपको सुनाने जा रहे हैं यह सच्ची घटना है छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक जिला है महासमुंद और इसी का थाना लगता है सिंघोड़ा। एक परिवार है एक घर है जो बेहद खूबसूरत घर बना हुआ है वह घर गांव की बस्ती से थोड़ा दूर है उस घर में मौके पर 4 लोग रहते हैं वैसे पांच लोगों की संख्या एक बूढ़ी अम्मा है दादी जिसका नाम है सुलोचना उम्र जिसकी 77 साल के आसपास है… पूरी कहानी जाने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें