मुजफ्फरपुर, बिहार शेल्टर होम यानी की बालिका गृह एक ऐसा ग्रह जहां पर बेसहारा बच्चों को सहारा दिया जाता हो या फिर कोई लड़की ऐसी जो नाराज होकर घर से निकल गई हो या फिर ऐसी लड़की जिसके कोई मां-बाप ना हो इस तरह की लड़कियों को एक ग्रह में रखा जाता है जिसे शेल्टर होम कहते हैं वहां पर एक अधिकारी जाती है महिला अधिकारी यह देखने के लिए की क्या सब कुछ ठीक है कि नहीं है तभी एक लड़की के पास जाती हैं जिसकी उम्र लगभग 12 या 13 साल के आसपास रही होगी उस महिला अधिकारी ने उस 12-13 साल की लड़की को एक चॉकलेट दी और चॉकलेट देकर कहा कि तुम ठीक हो उसने कहा मैं तो ठीक हूं लेकिन यहां पर कुछ ठीक नहीं हो रहा है
जैसे यह बात कहती है तो पूछती हैं कि आखिरकार क्या बात है तुम मुझे बता सकती हो मैं तुम्हारी बहुत अच्छी दोस्त हूं उस महिला अधिकारी ने उसकी दोस्त बनकर उसकी मां के जैसी बातें करके उसकी बहन की जैसी बातें कर कर उसके दिल में अपनी जगह बनाकर उससे जब पूछना चाहा तो उसने जो बताया वह सुनकर वह महिला अधिकारी भी हैरान हो जाती है वह बताती है कि एक 7 साल की लड़की को कुछ लोग लेकर जाते हैं उसके साथ गंदा काम कर रहे थे और गंदा काम करते समय उसकी मौत हो जाती है
वह मर जाती है तो उस महिला अधिकारी ने पूछा कि फिर क्या होता है क्या करते हैं तो वह लड़की बताती है कि उसकी लाश को यही गड्ढा खोदते हैं और जमीन में दबा देते हैं जैसे ही उस महिला अधिकारी ने यह बात सुनी उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है अब उसने इस इंस्टिट्यूट में इस बालिका गृह में किसी से बातचीत करना गवारा नहीं समझा लेकिन उसने सोचा कि यहां से यह बात निकलकर अब दूसरे लोगों तक पहुंचनी चाहिए यानी कि अधिकारियों तक पहुंचनी चाहिए और जो सच है उसको निकलवाना चाहिए… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें