नाथुला, सिक्किम 4 जुलाई 1999 की बात है जब कारगिल का युद्ध चल रहा था हिंदुस्तान और पाकिस्तान की सेना आमने-सामने से गोलीबारी कर रही थी टाइगर हिल पर चढ़ने के लिए तिरंगा लेकर योगेंद्र यादव अपनी टीम के साथ जब ऊपर बड़ रहे थे तब पाकिस्तानी सैनिकों ने लगातार गोली पर गोली चलानी शुरू कर दी। योगेंद्र यादव महज 19 साल के थे उस वक्त और उनको दुश्मनों ने 18 गोलियां मारी।
गोली लगने के बाद भी जिंदा थे और उन्होंने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 12 नहीं कई पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर कर दिया ऐसा पुरस्कार उनको दिया गया भारतीय सेना की तरफ से भारत सरकार की तरफ से जो पुरस्कार श्री मरणो उपरांत ही मिलता है इनकी वीरता पुरस्कार से उनको सम्मानित किया गया उनको नवाजा गया ऐसे बहादुरी के किस्से सेना में ही सुनने को मिलते हैं बाकी जगहों पर कम ही मिलते हैं आज के किस्से को सुनने के बाद आपको यकीन ही नहीं होगा ऐसा भी हो सकता है
ऐसा है और जो जो यकीन नहीं कर रहे हैं उनको वहां जाकर इस सच्चाई का पता करना चाहिए और जाना चाहिए… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें