रात के करीब 12:30 का समय हो चला था घर के परिवार के लोग सब सोए हुए थे तभी स्थानीय चौकी इंचार्ज का फोन आता है बोलता है कि क्या मेरी बात राजेंद्र प्रसाद शर्मा से हो रही है इधर से आवाज पहुंचती हां बात तो कर रहा हूं सर क्या बात है तभी वह कहता है कि दो आर्मी के ऑफिसर आपसे मिलना चाहते हैं अभी के अभी अर्जेंट, अपने घर का एड्रेस दीजिए आपके पास पहुंच रहे हैं जैसे ही शर्मा जी यह बात सुनते हैं थोड़ा सा विचलित हो जाते हैं
पास में उनकी पत्नी भी लेटी हुई थी उनकी आंख खुल जाती है तो पूछती है इतनी रात में किसका फोन आया? क्या बात है? क्यों इतना परेशान हो रहे हो? तभी वह कहते हैं कि चौकी इंचार्ज का फोन आया था और वह कह रहा है कि दो आर्मी ऑफिसर तुमसे मिलना चाह रहे।
तो महिला कहती है कि इतनी रात में इन लोगों का हमारे घर पर आने का क्या मतलब है क्या बात है एक तरफ महिला भी घबरा जाती है उनके पति भी घबराए हुए थे। इतनी रात को उनके घर पर यह आर्मी पुलिस वाले क्यों आ रहे हैं
अपने घर का एड्रेस देते हैं पुलिस और आर्मी वाले जब पहुंचते हैं तो दोनों बुजुर्ग यह देखकर हैरान थे परेशान थे उन्हें लग रहा था कि जो भी यह बात कर रहे हैं वह सरासर झूठ है सच हो ही नहीं सकता आज इस बात को लगभग 14 साल का समय बीत चुका है यदि उन दोनों बुजुर्गों से बातचीत करें उन्हें लगता है कि जो खबर दी गई थी झूठ थी सच था ही नहीं… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें