Connect with us

Crime

अपने ही थाने में क्यों हो गया गिरफ्तार थानेदार?

Published

on

मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश
27 फरवरी 2025 की दोपहर 3:20 के आसपास का वाक्य रहा होगा एक थाने के अंदर इंस्पेक्टर बैठा हुआ था इंस्पेक्टर इंतजार कर रहा था कि कब उसका केबिन खाली हो उसके कमरे में कोई ना हो और वह अपनी जेब में रखे हुए कुछ सामान को देखना चाहता था कि जो है वह पूरा है या फिर अधूरा है कैसे हैं कैसे नहीं है

दरअसल जब उनका कमरा खाली हो जाता है कोई उस वक्त होता नहीं है इसके बाद फिर वो अपनी जेब में हाथ दाल देता है एक लिफाफा निकला जाता है और उस लिफाफा के अंदर पांचसो के नोट रखे होते हैं उसके बाद उनकी गिनती शुरू हो जाती है और गिनती जैसे ही शुरू होती है और फ़ौरन ख़तम हो जाती है जेब में 30 हज़ार रूपए रखे हुए थे

Rs30000 उसने जैसे लिफाफे में रखे हुए थे वैसे रखे और अपनी जेब में रख लिए और उसको इत्मीनान हो गया वो खुश हो गया की हाँ ठीक है पैसे पूरे हैं कम नहीं हैं अभी वो गिनती करके हटा भी नई था और उसने महसूस किया की अचानक से कमरे के अंदर 10-12 आते हैं तेज़ी के साथ उन्हें रोकने की कोशिश की जाती है बाहर मिलेगा जो संत्री खड़ा हुआ था उसने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की की आप अंदर ऐसे कैसे घुस सकते हैं क्या बात है क्या काम है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें