Crime

जब एक आदमी सुबह-सुबह जंगल से गुजरता है फिर जो होता है

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मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश
रोजमर्रा की तरह एक आदमी जिसका नाम मोहनचंद है वह अपने घर से जंगल में शोश करने के लिए निकलता है सुबह के लगभग 4:30 या 4:00 बजे के आसपास का वक्त रहा होगा उस वक्त थोड़ा अंधेरा था आसपास का कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और जैसे ही वह जंगल की तरफ जाता है अचानक उस को ठोकर लगती है और ठोकर लगने के बाद एक गड्ढे में जाकर गिर जाता है इससे पहले कि वह अपने आप को संभालता, संभालने के बाद उसे कुछ ऐसा लगता है जैसे कि उसके सामने कोई बैठा हुआ है कोई है और जैसे ही वह उसको छूने की कोशिश करता है तो डर जाता है डरने वाली बात भी थी।

अपनी जेब से माचिस निकालता है माचिस निकालने के बाद जेसे ही बीड़ी जलाता है और देखता है तो सामने लाश पड़ी हुई है लाश की जो मुंह है उसमें कपड़ा था और थोड़ा करीब से जानने की कोशिश करता है देखने की कोशिश करता है तो उसके तन पर एक भी कपड़ा नहीं था हाथ बंधे हुए थे इससे पहले कि वह कुछ कर पाता उसके मुंह से आवाज नहीं निकल पा रही थी हिम्मत जुटाते हुए उसने चिल्लाना शुरू कर दिया और उसकी पुकार सुनने के बाद यहां अकेला मोहनचंद ही नहीं था बल्कि आसपास के कई ऐसे लोग थे जो सुबह-सुबह जंगल में शोश करने के लिए आते हैं।

उसकी आवाज सुनने के बाद वह चार पांच लोग उस गड्ढे की तरफ आते हैं और वह भी उजाला कर कर जब झांकने की कोशिश करते हैं तो सामने एक लाश पड़ी हुई थी वह भी पूरी नग्न अवस्था में उसको देखने के बाद लोगों को कुछ सरसराहट की आवाज सुनाई दी ऐसा लगा कि जैसे कोई भागने की कोशिश कर रहा है तभी लोगों ने मुस्तैदी दिखाते हुए सतर्कता दिखाते हुए उसकी आवाज की तरफ दौड़ते हैं और देखते हैं कि दो लड़के वहां से भागने की कोशिश कर रहे थे उन दोनों को पकड़ लेते हैं और गांव वाले पूछने की कोशिश करते हैं कि आखिरकार तुम यहां से क्यों भाग रहे हो? क्या बात है? यह बात अब केवल 10-20 लोगों के बीच नहीं थी बल्कि यह बात अब गांव के अंदर भी पहुंच चुकी थी… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें

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