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विदेश से आई एक महिला के साथ झारखंड में शर्मनाक घटना

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दुमका, झारखंड
यह बात साल 2015 की है उत्तर प्रदेश का जिला बुलंदशहर की तहसील खुर्जा लगती है खुर्जा और शिकारपुर रोड पर एक गांव लगता है दरअसल इस गांव के पास से एक अंग्रेज गुजर रहा था और अंग्रेज जैसे ही उस गांव में एंट्री करता है तो गांव का नाम था बगराई । बगराई के छोटे-छोटे बच्चे उस अंग्रेज से कभी हाथ मिलाने की कोशिश कर रहे थे तो कभी उसे परेशान करने की कोशिश कर रहे थे इसी बीच में एक घर रामकुमार शर्मा का पड़ता है और जैसे ही रामकुमार शर्मा के घर के ठीक सामने से वह अंग्रेज गुजरा रामकुमार शर्मा ने उन बच्चों को डांटा कहा कि तुम इन्हे परेशान क्यों कर रहे हो शाम के लगभग 7:00 बजे के आसपास का वक्त रहा होगा इसी बीच में वह उसे समझाने की कोशिश कर रहे थे की रात में इस रास्ते पर सफर करना तुम्हारे लिए सही नहीं होगा

अगर तुम्हें कोई एतराज ना हो तुम्हें कोई परेशानी ना हो तो क्या मैं तुम्हारे लिए यहां गांव में रुकने की व्यवस्था कर दूं अंग्रेज ने बात सुनी उसने कहा कि मुझे कोई एतराज नहीं है गांव का एक शिव मंदिर है उसी शिव मंदिर पर उस अंग्रेज के रुकने की व्यवस्था की साथ ही खाने की व्यवस्था की और उससे कहा कि जब सुबह को दिन निकलेगा तो तुम यहां से आराम से जहां जाना चाहते हो दिन में निकल जाना चले जाना अगला दिन आता है अंग्रेज के लिए वह कुछ ना कुछ खाने का सामान लेकर जाते हैं तभी उस अंग्रेज ने कहा कि अगर तुम्हें कोई एतराज ना हो कोई दिक्कत ना हो तो क्या मैं यहां पर आज और रुक जाऊं

जब बात रुकने की थी तो रामकुमार शर्मा ने कहा कोई दिक्कत नहीं है इसके बाद उस अंग्रेज ने एक दिन नहीं 2 दिन नहीं बल्कि 11 दिन रुक कर उस गांव को बहुत अच्छे से देखा परखा और आसपास के जितना भी इलाका था उस इलाके में लोगों से भी मुलाकात की और छोटी-छोटी बारीकियां यहां की समझने की कोशिश की जब वह यहां से जा रहा था तो काफी इमोशनल हो जाता है भावुक हो जाता है गले मिलकर जाता है तभी रामकुमार शर्मा कहते हैं कि अतिथि देवो भवे यानी कि यहां पर अतिथि को देवता के समान समझा जाता है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें

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