पहलगाम, जम्मू एंड कश्मीर पुलिस की वर्दी पहने हुए दो-तीन लोग टहल रहे थे उनके हाथों में आधुनिक हथियार थे इसी बीच में एक पति और पत्नी ने मैगी का आर्डर दिया हुआ था और जैसे ही मैगी आती है तो पति ने मैगी खाना शुरू कर दिया था और पत्नी इंतजार कर रही थी कि उसकी मैगी आएगी तो वह खाना शुरू करेगी जिसने वर्दी पहनी हुई थी उसके पास आता है और आकर उस पति से कहता है कि तुम क्या मुसलमान हो यह देखकर वह हैरान हो जाता है सोचने पर मजबूर होता है कि कैसी बातें कर रहे हो अपना काम करो यहां से जाओ
जब यह बात उसे व्यक्ति ने जो मैगी खा रहा है उस वर्दी वाले से कही तो वर्दी वाले ने कहा कि कुछ तो सुना दो कुछ इस्लाम की आयत वगैरह जो याद हो वह सुना दो उसने फिर से हैरानी से देखा उस व्यक्ति को कि आखिरकार ये किस तरह की बातें कर रहा है और उसने उसको इग्नोर किया और वह अपनी मैगी खाने में मगन हो जाता है लेकिन तीसरी बार फिर से एक आवाज आती है कि नाम तो बता नाम क्या है जैसे ही उस व्यक्ति ने अपना नाम बताया कि मेरा नाम शुभम द्विवेदी है बताओ क्या करोगे
इतना कहना था कि उधर से तड़ातड़ गोलियां चलने लगती हैं और जैसे ही गोली चलती हैं अशोक द्विवेदी जमीन पर गिर जाता है उसकी मौत हो जाती है और उसकी पत्नी जोर-जोर से चीख रही थी चिल्ला रही थी वह कह रही थी कि तुमने इनको मार दिया है अब मुझे भी मार डालो मैं ही अब जीके क्या करूंगी जैसे ही यह बात कही जाती है उस व्यक्ति को बिल्कुल भी जरा सी भी दया नहीं आती है वह ना ही घबराता है ना ही डरता है वह कहता है कि जाकर अपने मोदी से कह देना कि हमने इसको मार दिया है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें