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एक मालकिन और नौकर की कहानी

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रायसेन, मध्य प्रदेश
एक कंपनी की कामयाबी का जश्न मनाया जा रहा था उस जश्न में उस शहर के बड़े-बड़े लोग शामिल थे साथ ही कंपनी के जो एंप्लोई थे वह भी शामिल थे और जिस जश्न में जब इसकी शुरुआत होती है तो जो कंपनी की मालकिन होती है मालिक होती हैं वो कहती हैं कि आज जो भी यह कंपनी आगे बढ़ रही है वह सिर्फ विजय की वजह से बढ़ रही है उस विजय का नाम लिया जाता है और सारा का सारा क्रेडिट उसको दिया जाता है इसके बाद फिर खाना पीना शुरू होता है और जश्न देर रात तक चलता है और उस दिन उस खुशी में उस मालकिन ने कुछ ज्यादा ही शराब पी ली इतनी शराब कि वह अपने होश में नहीं थी।

पार्टी खत्म जरूर होती है लेकिन घर जाने के लिए उसके पास अब जाए तो कैसे जाए तभी वही जो उसका लकी चांद था वहीं मजदूर वही एंप्लोई जिसके भरोसे उसे लगता था कि आज उसकी कंपनी लगातार तरक्की कर रही है उसको साथ लेकर अपने घर चली जाती है और घर जाने के बाद जैसे घर पहुंचते हैं तो उसकी तबीयत बिगड़ने लगती है और तबियत बिगड़ने के साथ ही उसको अपने पास रोक लेती है और वह नहीं जानती थी कि जो होने वाला है उसके ना तो एंप्लोई ने कभी कल्पना की थी और ना ही मालकिन ने कल्पना की थी। दोनों एक साथ एक ही बिस्तर पर सो जाते हैं

उन दोनों के बीच में संबंध बन जाते हैं संबंधों की यह शुरुआत थी और एक लंबा वक्त गुजर जाता है जब दोनों को होश आता है तो लड़का उस चीज से पीछे भागने की कोशिश कर रहा था और वह मालकिन उसके लगातार पीछे जा रही थी इतना पीछे गई जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता। आज की कहानी सुनने के बाद आप यह सोचेंगे कि कभी बेमेल की जो जोड़ियां होती हैं कामयाब नहीं होती और इस कहानी में भी कुछ ऐसे ही होता है यह जोड़ी बनी जरूर थी लेकिन बेमेल जोड़ी थी और जब टूटी तो उसकी गूंज बहुत दूर तक फैलती है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें

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