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उत्तर प्रदेश के डिप्टी डायरेक्टर की कैसे हुई हत्या की पूरी कहानी

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कानपुर, उत्तर प्रदेश
गंगा नदी अपने उफान पर थी और तीन दोस्त उसमें नहाने के लिए चले जाते हैं दो दोस्त जो की एक बैरिकेड होता है रस्सी होती है उससे अंदर होते हैं जबकि तीसरा दोस्त होता है वह रस्सी को पार करके एक सेल्फी लेना चाहता था अपने दोस्तों से कहता है सिर्फ एक सेल्फी लेनी है तुरंत आता हूं वह बोल ही रहा था और उसका पैर फिसल जाता है जैसे ही पैर फिसलता है शोर मच जाता है दोनों दोस्त बाहर निकलते हैं और अपने दोस्त को बचाने के लिए जो आसपास में खड़े हुए गोताखोर होते हैं उनसे आवाज लगाते हैं कि हमारा दोस्त डूब रहा है उसे बचाने में हमारी मदद कर दीजिए

पास में ही एक नाव वाला होता है उससे भी बोलते हैं कि भाई साहब प्लीज बचा लीजिए वह कहते हैं कि बचा तो लेंगे लेकिन RS10000 की रकम लगेगी जैसे ही 10000 मांगे जाते हैं उनके पास RS10000 होते ही नहीं है थे पैसे लेकिन खाते में थे इसलिए वह कहते हैं कि अभी नकद तो नहीं है लेकिन हम तुम्हें पैसे दे देंगे हमारे दोस्त को आप बचा लीजिए जब बार बार रिक्वेस्ट कर रहे हैं अपील कर रहे हैं तो कहते हैं कोई दिक्कत नहीं आप ऑनलाइन कर सकते हैं इस बीच में बातचीत का सिलसिला चल रहा था ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं ट्रांसफर करने के बाद जब खाते में पैसे आते हैं मैसेज आता है तब जाकर बताया जाता है कि गोताखोर सक्रिय होते हैं

तब तक बहुत देर हो चुकी थी जो व्यक्ति डूब रहा था वह डूबता डूबता कहां पहुंच गया उसका किसी ने अंदाजा ही नहीं लगाया था कुछ लोग पुल के ऊपर से चिल्ला रहे थे कुछ समझ में नहीं आ रहा था था कि आखिरकार इस चंद सेकंड में चंद मिनट में हो क्या गया है उसके बाद फिर पुलिस डिपार्टमेंट के लगभग 200 से ज्यादा गोताखोर लगते हैं सैकड़ो लोग अपनी तरफ से प्रयास करते हैं आखिरकार वह व्यक्ति मिलता ज़रूर है लेकिन उसकी सांसे थम चुकी थी… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें…

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