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Crime

शादी शुदा महिला को कोर्ट ने क्यों सुनाई फांसी की सजा?

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हिसार, हरियाणा
भारतीय कानून ने एक अपराध के लिए एक महिला को फांसी की सजा सुनाई थी और कहा था कि जब तक इसकी प्राण निकल जाए तब तक इसको फांसी के फंदे से उतारा ना जाए उसके बाद उस महिला ने राष्ट्रपति को अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रपति महोदय जी मुझे अपने बच्चे की परवरिश करनी है मैं अपने बच्चे को उसका भविष्य बनाना चाहती हूं तभी राष्ट्रपति महोदय उसके अपील को खारिज करते हुए कहते हैं तुम्हें अपने बच्चे की तो फिक्र थी लेकिन जिसके बच्चों का तुमने कत्ल किया था तुम्हें उसके बच्चों की फिक्र क्यों नहीं हुई काश कि तुमने उन बच्चों की फिक्र की होती तो आज तुम ना तो सलाखों के पीछे होती है और ना ही फांसी के फंदे पर लटकने के लिए तैयार होती।

इसलिए उसकी फांसी को बरकरार रखा उसके अपील को खारिज कर दिया गया आज की जो सच्ची घटना हम आपको सुनाने जा रहे हैं इस सच्ची घटना को सुनने के बाद आपका कलेजा बैठ जाएगा आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कोई अपनों का इतना बड़ा दुश्मन आखिरकार कैसे हो सकता है शायद यह संभव है भारत के इतिहास की पहली ऐसी घटना है जिसने पूरे हिंदुस्तान को हिला कर रख दिया था।

आज की जो सच्ची घटना हम आपको सुनाने जा रहे हैं यह सच्ची घटना है हरियाणा प्रदेश का एक जिला है हिसार और उसी का एक गांव लगता है प्रभुवाला। दरअसल 23 अगस्त 2001 का यह वाक्य है घर में एक बच्चा है 4 साल का जिसका नाम लोकेश होता है उस बच्चों को स्कूल जाना था घर का नौकर जैसे ही दरवाजा खोलकर पहली मंजिल पर पहुंचता है तो जा कर देखता है कि पहली मंजिल के हर एक हिस्से में जगह-जगह खून पड़ा हुआ था खून बिखरा पड़ा था बस जैसे जैसे उसके कदम आगे बढ़ रहे थे वैसे वैसे जोर से चिल्ला रहा था, रो रहा था, चीक रहा था। घर का वॉचमैन होता है इस वॉचमैन के पास तक आवाज पहुंचती है अमर सिंह। अमर सिंह दौड़ता हुआ छत पर पहुंचता है और वहां आने के बाद कुछ ऐसा दिखता है जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें